Sayagyi U Ba Khin journal - सयाजी ऊ बा खिन जर्नल
सयाजी ऊ बा खिन जर्नल
यह पुस्तक म्यंमा के ख्यातनाम, उत्कृष्ट सरकारी सेवक तथा सत्यनारायण गोयन्काजी के आचार्य पूज्य सयाजी ऊ बा खिन के प्रति श्रद्धांजलि है।
इस पुस्तक में विपश्यना ध्यान के सैद्धांतिक पक्षपर विस्तृत जानकारी है।
इसमें निम्नलिखित सूचनाएं हैं :–
प्रथम भाग में सयाजी ऊ बा खिन की जीवनी, उनके जीवन के प्रेरक प्रसंग, उनके द्वारा दिये गये प्रवचन, साधकों द्वारा उनके बारे में लिखी हुई स्मृतियां, और सयाजी के पूर्व की आचार्य शृंखला वर्णित है।
द्वितीय भाग में सत्यनारायण गोयन्काजी द्वारा लिखित कुछ चुने लेख हैं। साथ ही विपश्यना ध्यान तथा दैनंदिन जीवन में इसके उपयोग के बारे में भी भूमिका स्पष्ट की गयी है। इस में पूज्य गुरुजी तथा आदरणीय माताजी इलायचीदेवी के विभिन्न अवसरों पर लिए गये साक्षात्कार भी हैं।
तृतीय भाग में गोयन्काजीद्वारा नियुक्त प्रमुख वरिष्ठ आचार्योंद्वारा धर्मपथ पर चलने की उनकी अपनी यात्रा का वर्णन है।
विभिन्न साधकों के जीवनपर विपश्यना का क्या प्रभाव हुआ यह भी यहां सम्मिलित है।
चतुर्थ भाग - अंतिम भाग में विपश्यना विशोधन विन्यास के बारे में और इस के द्वारा किये गये कार्य तथा बुद्ध की शिक्षापर लिखे गये पत्रों का संग्रह भी है।