Suttanipat Atthakatha Bhag-1 * सुत्तनिपात अट्ठकथा भाग-1 (सजिल्द - Hardbound)
Suttanipat Atthakatha Bhag-1
सुत्तनिपात अट्ठकथा भाग-1 (सजिल्द- Hardbound)
सुत्तनिपात अट्ठकथा का हिंदी अनुवाद 1600 साल में पहली बार विपश्यना विशोधन विन्यास से प्रकाशित किया गया है।
‘सुत्तनिपात’ ‘खुद्दकनिकाय’ के अंतर्गत एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण ग्रंथ है जिसमें कलिभारद्वाज सुत्त, धनिय सुत्त, वसल सुत्त आदि बहुत ही महत्त्वपूर्ण सुत्त हैं जिनमें बुद्ध की महत्त्वपूर्ण शिक्षा है।
ऐसी महत्त्वपूर्ण पुस्तक पर बुद्धघोष ने पांचवी शताब्दी में अट्ठकथा लिखी। अट्ठकथा संस्कृत की टीका की तरह नहीं है। इसमें शब्दों के सिर्फ अर्थ ही नहीं दिये गये है बल्कि और भी बहुत सारी बातें हैं जिनसे उस समय के भारत की संस्कृति पर प्रकाश पड़ता है। अट्ठकथा के बारे में जानने के लिए इस पुस्तक की भूमिका पढ़ें। इस अनुवाद को पढ़कर पाठक बुद्ध की शिक्षा की गहराई को समझ सकेंगे।