H113 – Mahapanthak Evam Chulpanthak Tatha Sthavir Subhuti (PDF BOOK)
H113 - महापंथक एवं चूलपंथक तथा स्थविर सुभूति (Hindi PDF Book)
बुद्ध के अग्रश्रावकों की शृंखला में वि.वि.वि से प्रकाशित यह पुस्तक पुराने साधकों को गंभीरतापूर्वक साधना करने के लिए प्रेरित करती है तथा नये साधकों को विपश्यना के अनुकरणीय एवं आदर्श साधकों के मार्ग पर चलने को प्रेरित करती है।
महाश्रावक महापंथक, चूलपंथक एवं स्थविर सुभूति बुद्ध के अग्रश्रावकों की शृंखला में वि. वि. वि. से प्रकाशित यह पुस्तक बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। इसमें संज्ञाविवर्त्त में अग्र महापंथक चित्तविवर्त्त में अग्र एवं चूलपंथक शांतचित्त तथा दक्षिणीयों में अग्र स्थविर सुभूति का संक्षेप में जीवनवृत्तांत है।
बुद्ध द्बारा दिये गये वस्त्र खंड पर साधना कर कितना शीघ्र चूलपंथक चित्तविवर्त्त में अग्र हुए– यह आश्चर्य में डालने वाला है। पर अगर पूरे शुद्ध मन से साधना की जाय तो फल तो प्राप्त होता ही है।
विपश्यी साधकों तथा जो साधक नहीं भी हैं उनके लिए बहुत ही प्रेरणादायक पुस्तक है।